नैनीताल। हाईकोर्ट में हल्द्वानी निवासी हिसांत अजीर की अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मामले को सुनते हुए सख्त आदेश दिए। हाईकोर्ट ने जुलाई माह में पौधरोपण नहीं करने व रोड चौड़ीकरण के लिए पेड़ों के ट्रांसप्लांट में वानिकी शोध संस्थान के विशेषज्ञों की मदद ना लेने और एसओपी का अनुपालन ना करने पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन, डीएफओ हिमांशु बागड़ी और डीएफओ आरसी कांडपाल को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।
हिसांत अजीर की अवमानना याचिका पर सुनवाई
हाईकोर्ट में वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हल्द्वानी निवासी हिसांत अजीर की अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया था कि पिछले साल कोर्ट ने जुलाई प्रथम सप्ताह में हल्द्वानी में पौधरोपण के आदेश दिए थे। लेकिन इस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। हल्द्वानी में जुलाई प्रथम सप्ताह से पौधरोपण नहीं किया। यहां तक कि जिन पेड़ों को हटाया जा रहा है, उसमें ना तो विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है, ना ही एसओपी का अनुपालन किया जा रहा है।
हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के दिए आदेश
एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन, डीएफओ हिमांशु बागड़ी और डीएफओ आरसी कांडपाल को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।
याचिकाकर्ता ने पूर्व में याचिका दायर कर कहा था कि हल्द्वानी शहर में रोड का चौड़ीकरण व सुंदरीकरण का कार्य चल रहा है। रोड व उसके आसपास पेड़ों को नियमों के तहत शिफ्ट करने व रोड के किनारों में पेड़ लगाए जाने थे। लेकिन वन विभाग समेत अन्य विभागों ने नियम विरुद्ध जाकर पेड़ों को शिफ्ट किया गया और पौधरोपण तक नहीं किया। उनके द्वारा इस संबंध में कई बार विभाग को पत्र भेजा गया, लेकिन उनके पत्रों पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। उनके द्वारा याचिका दायर करने से पूर्व में कोर्ट ने वन विभाग को उक्त आदेश दिया, जिसका अनुपालन अभी तक नहीं किया गया। पूर्व के आदेश का अनुपालन कराने हेतु उनके द्वारा उक्त अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी।