धारचूला । व्यास घाटी के बुदी, गर्ब्यांग, नपलच्यु, गुंजी, नाभी, रोंगकांग और कुटी गांवों के ग्रामीणों ने हेली से आदि कैलाश यात्रा का विरोध तेज कर दिया है। उनका माइग्रेशन से पूर्व बिना मंदिर के कपाट खुले यात्रा शुरू कर दी गई है जो धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है।
व्यास जनजाति संघर्ष समिति के बैनर तले नाभी मिलनघर में अध्यक्ष राजन नबियाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि आदि कैलाश हेली यात्रा से पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ेगा। इससे स्थानीय लोगों के रोजगार पर भी असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उनकी नहीं सुनी गई तो मतदान के बारे में भी सोचना पड़ेगा।
बैठक में जनजाति संघर्ष समिति महासचिव गजेंद्र गुंज्याल, उपाध्यक्ष धीरेंद्र बुदियाल, निहारिका गर्ब्याल, भागेश्वरी गर्ब्याल, अर्चना गुंज्याल, अशोक नबियाल, महीराज गर्ब्याल, हरीश कुटियाल, बिरेंद्र कुटियाल, मदन नबियाल, कुसल नपलच्याल, कैलाश मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष पुनीत कुटियाल, टैक्सी यूनियन अध्यक्ष प्रवेश नबियाल आदि मौजूद रहे।