हल्द्वानी। 2 अक्टूबर 2024 को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा। यह ग्रहण मीन राशि में लगा और पितृ पक्ष के आखिरी दिन यानी सर्वपितृ अमावस्या पर पड़ा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया क्योंकि यह रात में लगा।
सूर्य ग्रहण का समय
भारतीय समयानुसार यह ग्रहण रात 9 बजकर 14 मिनट से शुरू हुआ और देर रात 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त हुआ।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें
* गंगाजल का छिड़काव: सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
* खाना बनाते समय तुलसी के पत्ते: भोजन बनाने से पहले उसमें तुलसी के पत्ते अवश्य डालें।
* स्नान: ग्रहण समाप्ति के बाद परिवार के सभी सदस्यों को स्नान करना चाहिए।
* देवी-देवताओं को स्नान: साफ हाथों से पूजा घर के सभी देवी देवताओं को भी स्नान कराएं।
* दान: सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को दान करें। चना, गेहूं, गुड़, केले, दूध, फल और दाल आदि का दान करना शुभ माना जाता है।
पितृ अमावस्या और सूर्य ग्रहण का महत्व
पितृ पक्ष के आखिरी दिन यानी सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है। इस दिन पितरों को विदाई दी जाती है और श्राद्ध, तर्पण, ब्राह्मण भोज आदि किए जाते हैं। सूर्य ग्रहण के दौरान दान करने से पितरों को शांति मिलती है।
सूर्य ग्रहण कैसे लगता है
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है और सूर्य को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है।
कहां दिखाई दिया सूर्य ग्रहण
यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई दिया। यह दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों और आर्कटिक, अर्जेंटीना, ब्राजील, पेरू, फिजी, चिली, पेरू, होनोलूलू, ब्यूनो आयर्स, अंटार्कटिका और दक्षिण अमेरिका और प्रशांत महासागर के कुछ इलाकों से दिखाई दिया।
निष्कर्ष
2 अक्टूबर 2024 को लगा सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना थी जिसका धार्मिक महत्व भी है। इस ग्रहण ने लोगों को धार्मिक अनुष्ठान करने और दान करने का अवसर दिया।