पति ने क्रूरता की सारी हदें की पार ,बेटे की चाह में 8 माह की गर्भवती का हंसिए से चीर दिया पेट ,निकाला बेटा

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उत्तर प्रदेश। बेटे की चाह में पत्नी के साथ क्रूरता की सारी हदें पार कर दी। पति ने पत्नी का पेट चीर दिया। जिस पर बदायूं की एक अदालत ने गर्भवती पत्नी के आरोपी पति को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाने के साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।

विशेष लोक अभियोजक (एडीजीसी) मुनेंद्र पाल सिंह ने शुक्रवार को बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय (प्रथम) सौरभ सक्सेना ने गुरुवार की देर शाम पन्नालाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना न देने की स्थिति में उसे छह माह का कारावास और भुगतना होगा।

मामले की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गांव घोंचा निवासी गोलू ने 19 सितंबर 2020 को थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि उसकी बहन अनीता की शादी शहर के मोहल्ला नेकपुर निवासी पन्नालाल के साथ हुई थी। बताया की उसकी बहन अनीता ने शादी के बाद पांच बेटियों को जन्म दिया। बेटी होने के कारण उसका पति पन्नालाल उसको आए दिन प्रताड़ित करता रहता था और दूसरी शादी करने की भी धमकी देता था। जिससे अनिता बहुत डरी हुई थी।

उन्‍होंने बताया कि घटना के समय 30 वर्ष की अनीता आठ माह की गर्भवती थी। इसी दौरान एक दिन पन्नालाल घर आया और अनीता से झगड़ने लगा। बताया कि इसके बाद वह बोला कि तू हमेशा लड़कियां ही पैदा करती है। इस बार मैं तेरा पेट फाड़कर देखता हूं कि इसमें लड़का है या लड़की। इसके बाद पन्नालाल ने अनीता का पेट हंसिए से चीर दिया जिससे अनीता की आंतें भी बाहर आ गई और आठ माह के शिशु का गर्भपात हो गया। जिसके बाद पता चला कि अनिता के पेट में लड़का ही था।
गंभीर हालत में अनीता को बरेली स्थित अस्पताल में भर्ती करा कर उसका उपचार कराया गया। गोलू की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना पूरी करने के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद आरोपी के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया और मामले में नियमित सुनवाई की गयी। उन्होंने बताया कि विशेष अदालत ने पन्नालाल को दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

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