सम्मेलन : जमीन पर मालिकाना अधिकार हासिल करने के लिए बड़ी एकता और आंदोलन की जरूरत : इंद्रेश मैखुरी

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हल्द्वानी । अखिल भारतीय किसान महासभा बागजाला कमेटी ने बुधपार्क हल्द्वानी में विशाल “भूमि अधिकार सम्मेलन” आयोजित किया। 33 दिन गांव में अनिश्चितकालीन धरने के बाद भी सरकार और प्रशासन की उपेक्षा को देखते हुए 34 वें दिन यह भूमि अधिकार सम्मेलन हल्द्वानी में आयोजित किया गया, सम्मेलन से घोषणा की गई कि मालिकाना अधिकार मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा।

सम्मेलन में बागजाला के अतिरिक्त सुल्तानगरी, पुछड़ी रामनगर, दानी बंगर, बिंदुखत्ता, भूड़ा ख़त्ता, टांडा खत्ता, बनभूलपुरा, दमुआढुंगा आदि से भी वन भूमि नजूल भूमि पर बसे लोग पहुंचे। भूमि अधिकार सम्मेलन के अंत में उपजिलाधिकारी हल्द्वानी के माध्यम से उत्तराखण्ड के राज्यपाल को मालिकाना अधिकार देने के लिए राज्य सरकार को निर्देशित करने की मांग पर ज्ञापन भेजा गया।

भूमि अधिकार सम्मेलन से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया यदि राज्य सरकार ने सभी वन भूमि नजूल भूमि पर बरसों से बसे सभी लोगों को मालिकाना अधिकार नहीं दिया गया तो मुख्यमंत्री के सचिव के भी रूप में कार्य कर रहे कुमाऊं कमिश्नर कार्यालय का घेराव किया जाएगा। जिसकी तारीख की घोषणा शीघ्र की जाएगी।

मुख्य वक्ता के रूप में भूमि अधिकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि, इस सरकार के राज में जनता के पास लड़ने के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं बचा है। जमीन पर मालिकाना अधिकार हासिल करने के लिए भूमिहीनों की बड़ी एकता और आंदोलन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि, मसूरी में बालकृष्ण को सरकार एकड़ों जमीन औने पौने दाम पर दिया जा रहा है दूसरी ओर गरीब जनता को धामी सरकार उजाड़ने पर आमादा है। गरीबों को उजाड़ो और अमीरों की जेब भरो यही इस जनविरोधी का चरित्र है। यह सरकार गरीबों पर दोहरी आपदा थोप रही है।

बिंदुखत्ता के किसान नेता किशन बघरी ने कहा कि, बिंदुखत्ता राजस्व गांव के मामले में भी यह सरकार जनता को भरमाने का काम कर रही है। अपने भूमि अधिकार को बुलंद करने के लिए सभी वन भूमि वासियों और खत्ता वासियों को एकजुट होना होगा।

किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी ने कहा कि, कल सर्किट हाउस में राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किसान महासभा बागजाला के प्रतिनिधिमंडल को मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है। अब लड़ाई मुख्यमंत्री द्वारा मांगों पर विचार करने की बात से मालिकाना अधिकार पर घोषणा करवाने तक पहुंचाने की है। जिसके लिए संघर्ष और तेज किया जाएगा। भूमि अधिकार सम्मेलन अध्यक्षता वरिष्ठ किसान नेता बहादुर सिंह जंगी ने और संचालन किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी ने किया।

भूमि अधिकार सम्मेलन में इंद्रेश मैखुरी, यतीश पंत, के के बोरा, डा उर्मिला रैस्वाल, वेद प्रकाश, विमला देवी, कुंदन सिंह मेहता, इस्लाम हुसैन, जी आर टम्टा, मुकेश बौद्ध, नफीस अहमद खान, किशन बघरी, बची सिंह कपकोटी, विमला रौथाण, हेमा देवी, पुष्कर दुबड़िया, गोविन्द जीना, प्रकाश फुलेरिया, एडवोकेट गंगा प्रसाद, सुमित कुमार, हयात सिंह बिष्ट, मोहन सिंह बिष्ट, दीपक चन्याल, आर पी गंगोला, जुबैर, तस्लीम अंसारी, चन्दन, शेखर, गजेंद्र पाल सिंह, पुष्कर सिंह दानू, गिरधर बम, रमेश कुमार, प्रदीप बथ्याल, हरीश चन्द्र, सुन्दर लाल बौद्ध, चन्दन सिंह मटियाली, दीवान सिंह बर्गली, परवेज, मीना भट्ट, एम एस मलिक, पंकज चौहान, डा कैलाश पाण्डेय, अम्बा दत्त, भोला सिंह, नसीर अहमद, प्रेम सिंह नयाल, हरक सिंह बिष्ट, दौलत सिंह कुंजवाल, पुष्पा पाल, सोहन लाल, अनीता अन्ना,दया देवी, अनीता, भगवती, हीरा देवी,ये हेमा आर्य, पुष्पा भट्ट, पार्वती, अनीता अन्ना, श्याम सिंह, विमला पाण्डे, नीलम आर्य, दीपा, मन्नू देवी, तुलसी, देवकी, चंपा, नैन सिंह कोरंगा, नंदी, प्रतिमा देवी, कुलदीप, ललित प्रसाद, महेश राम, मिथलेश, सुनीता देवी, शोभा, दिनेश चन्द्र, रेखा देवी, शांति देवी, पुष्पा देवी, अमित कुमार, कमल जोशी, हरीश लोधी, नवीन मूलनिवासी, आजम, आशु, ऋषि मटियाली, निर्मला शाही, आनन्द दानू, जी एस बगड़वाल, सायमा, अफसर अली, लक्ष्मी, ललित जोशी, हेमंत, अंबा दत्त बचखेती, चेतन, नारायण दत्त आदि शामिल रहे।

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