नैनीताल। हाईकोर्ट ने राज्य के राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना निर्णय दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार द्वारा जारी शासनादेश के आधार पर जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है। इस फैसले के साथ, हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा चुनाव संबंधी प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित करने पर अपना निर्णय सुनाया है।
देहरादून निवासी सामाजिक कार्यकर्ता महिपाल सिंह ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने समाचारपत्रों में प्रकाशित खबर को आधार बनाते हुए राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग की थी। याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने 23 अप्रैल 2024 को एक शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था, जिसमें 30 सितंबर 2024 तक छात्रसंघ चुनाव कराने का निर्देश दिया गया था।
जनहित याचिका में कहा था कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय पर चुनाव नहीं कराए और न ही इस संबंध में सरकार से कोई दिशा-निर्देश प्राप्त किए। यह लिंगदोह समिति की सिफारिशों का उल्लंघन है, जिसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और समय पर पूरा करना है। इसके कारण छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के शासनादेश के आधार पर याचिका को निस्तारित कर दिया।