कैटरिंग कारीगर की हत्या में सोनू सैनी दोषी करार, न्यायालय ने सुनाई उम्रकैद की सजा

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नैनीताल। न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबीर कुमार ने तीन साल पहले हुई कैटरिंग के कारीगर की हत्या के आरोपी सोनू सैनी पुत्र चोखे लाल विश-सती कॉलोनी, वनमूलपुंस हल्द्वानी, जिला नैनीताल को हत्या का दोषी करार कर न्यायिक हिरासत में कर जेल भेजा। न्यायालय ने जोशी को आजीवन कारावास व 50 हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।

अभियोजन कथनानुसार रिपोर्टक्तों सर्वेश गुप्ता पुत्र तेजपाल निवासी उजाला नगर बनभूलपुरा हल्द्वानी ने बनभूलपुरा में अभियुक्त सोनू सैनी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसका भाई सोनू गुप्ता व रमेश गुप्ता हल्द्वानी क्षेत्र में कैटरिंग का कार्य कर घर आये थे. घर पर आकर घर वालों से बात कर रहे थे तभी सोनू सैनी ने सोनू गुप्ता को फोन कर कुछ दूरी पर बुलाया, जिस पर सोनू गुप्ता घर से चला गया उसे कुछ देर बाद रमेश गुप्ता भी रिपोर्टकर्ता के घर से अपने घर जा रहा था तो उसने रास्ते में कबाड़ के ढेर के पास सोनू गुप्ता को सोनू सैनी के साथ विद्युत बल्ब की रोशनी में देखा, दूसरे दिन रिर्पोटकर्ता सुरेश को लोगों ने सूचना दी कि सोनू का शव दानिश के बगीचे पर पड़ा है जिस पर रिपोर्टकर्ता व उसके परिवार वाले मौके पर गये तो देखा कि शव पड़ा था, पुलिस को सूचना दी. इस घटना की रिपोर्ट 13.06.2021 को सर्वेश गुप्ता द्वारा थाना वनभूलपुरा में अभियुक्त के विरूद्ध दर्ज करायी।

मामले की विवेचना तत्कालीन थानाध्यक्ष प्रमोद पाठक द्वारा पूर्ण कर अभियुक्त सोनू सैनी के विरुद्ध 302 भा०व०सं० के अन्तर्गत आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया। अभियोजन पक्ष की ओर से सुशील कुमार शर्मा जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा पैरवी करी। पैरवी करते हुए अभियोजन तथ्यों को सिद्ध करने हेतु जो दो बश्मदीद साक्षियों सहित 11 गवाह के बयान न्यायालय में दर्ज कराये।

मामले दो चश्मदीद गवाह नन्हें अंसारी व कुवर सेन जो कि अभियुक्त सोनू सैनी के साथ हल्द्वानी में कैटरिंग का कार्य करते थे और सती कॉलोनी वनभूलपुरा में रहते थे। इन गवाहों द्वारा विवेचना के दौरान जांच अधिकारी को यह बयान दिया था कि घटना के समय अभियुक्त द्वारा टेलीफोन कर उन्हें घटनास्थल पर बुलाया था और मोके पर दोनों गवाहों ने जाकर देखा कि अभियुक्त सोनू सैनी, मृतक सोनू गुप्ता का गला गमछे से दानिश के बगीचे में घोट रहा था और दोनों साक्षी डर के कारण कमरे में वापस आ गये।

न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में मृतक की माता एवं मृतक के तीनों बच्चों को द०प्र०सं० की धारा-357 उत्तराखण्ड अपराध से पीडित सहायता योजना-2013 व 2020 के तहत सहायता धनराशि प्रदान करवाने बावत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल को भी निर्देशित किया है। इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से मृतक की पत्नी पेश हुई।

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