ऊधमसिंह नगर। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को खनन वाहनों पर रोक लगाने की मांग को लेकर धरने पर डटे ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा। लोगों के समझाने पर मामला शांत हो सका। कुछ देर रुकने के बाद आर्य अपने काफिले के साथ वापस लौट गए।
एक सप्ताह पूर्व ग्राम ब्रह्मनगर के पास से निकल रहे खनन वाहन की टक्कर से बिजली का खंभा क्षतिग्रस्त हो गया। इस दौरान वहां से गुजर रहे कई लोग चोटिल होने से बाल-बाल बचे। इसके विरोध में 23 जून को ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया था। ग्रामीणों का कहना है कि गुलजारपुर क्षेत्र के स्टोन क्रशरों से खनन सामग्री से भरे भारी वाहन गुजर रहे हैं। इन वाहनों को चालक नशे में दौड़ाते हैं। इससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
रविवार को आठवें दिन भी ग्रामीण धरने पर डटे थे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनकर संबोधन शुरू किया। इसी बीच एक ग्रामीण ने उठकर उनका विरोध शुरू कर दिया। उनके समर्थक और ग्रामीण के बीच जमकर तीखी बहस हो गई। ग्रामीणों के समझाने पर दोनों पक्ष शांत हुए। आर्य ने कहा कि ऐसे लोगों से सावधान रहने की आवश्यकता है, जो लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं। वह ग्रामीणों के साथ हैं। वहां राजपाल, स्वराज, गुरचरण सिंह, ब्रजेश, राजीव कुमार, हरीशचंद्र, रघुवीर सिंह, धर्मवती, सीमा आदि शामिल रहे।
एससी/एसटी सपा के अध्यक्ष गविंदर सिंह गवि का कहना है कि खनन वाहनों पर रोक लगाने के लिए ग्रामीण धरने पर डटे हैं। विधायक यशपाल आर्य धरना स्थल पर पहुंचे। वह यहां उनकी समस्या का समाधान करने नहीं पहुंचे थे। वह राजनीति की रोटी सेंकने आए थे। पांच साल से नदी और जंगल कट रहे हैं लेकिन उन्होंने सदन में आवाज तक नहीं उठाई। आज जनता सड़क पर आ गई तो उन्होंने धरना अपना बताया। आर्य ने अराजक तत्वों से धक्का देकर धरना स्थल से हटवा दिया।