नैनीताल। निर्वाचन अधिकारी द्वारा नामांकन रद्द करने के आदेश के बाद उच्च न्यायालय उत्तराखंड ने मंगलौर नगरपालिका अध्यक्ष पद पर कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी मो. इस्लाम के नामांकन को रद्द करने के निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर रोक लगाते हुए उनके नामांकन को बहाल कर दिया है।
हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग से याची का नाम मतपत्र में शामिल करने के निर्देश देते हुए कहा कि मतगणना में यदि याची को सर्वाधिक मत प्राप्त होते हैं तो उस पर निर्णय कोर्ट के आदेश के अधीन होगा । मंगलौर से कांग्रेस प्रत्याशी मो. इस्लाम द्वारा नजूल भूमि में अतिक्रमण करने के आरोप में उनका नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी ने खारिज कर दिया था । जबकि इस्लाम का कहना है कि उन्हें इस मामले में अपना पक्ष रखने का समय नहीं दिया गया।
उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के आदेश को हाईकोर्ट की एकलपीठ में चुनौती दी थी। जिसे एकलपीठ ने 7 जनवरी को खारिज कर दिया था। जिसके खिलाफ उन्होंने खण्डपीठ के समक्ष अपील की। इस मामले की सुनवाई के लिये न्यायमूर्ति आशीष नैथानी विशेष बैंच गठित हुई थी। मामले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद व अधिवक्ता सिद्धार्थ साह ने पैरवी की। इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने माना कि निर्वाचन अधिकारी के फैसले से याची के अधिकारों का हनन हुआ है। इस आधार पर उनके नामांकन खारिज करने के रिटर्निंग अधिकारी के आदेश पर रोक लगा दी है और उनका नाम मतपत्र में शामिल करने के निर्देश दिए हैं।