
हल्द्वानी। उत्तराखंड में यूके-एसएसएससी से जुड़े पेपर-लीक प्रकरण के खिलाफ कुमाऊं के छात्र-युवाओं का आंदोलन जारी है। शुक्रवार को हल्द्वानी में लगातार दूसरे दिन भारी विरोध प्रदर्शन हुए, जिनमें बेरोजगारों ने अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा की।
उत्तराखंड सरकार से सीबीआई जांच तथा स्नातक-स्तरीय परीक्षा के तत्काल रद्दीकरण की मांग की गई। बुद्ध पार्क में उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र कोरंगा का आमरण अनशन दूसरे दिन भी जारी रह।
दूसरे दिन के कार्यक्रम की शुरुआत हनुमान चालीसा के पाठ के साथ हुई । शाम होते होते हल्द्वानी में आंदोलन में नया मोड़ आया। करीब तीन बजे सैकड़ों युवाओं ने सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित सैकड़ों ज्ञापनों को व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री को भिजवाया। इन सभी ज्ञापनों में प्रदेश की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पारदर्शिता और सीबीआई जांच,स्नातक स्तरीय परीक्षा रद्द करने, आयोग को भंग कर उसके पुनर्गठन के लिए राज्य सरकार को निर्देशित करने की मांग प्रमुख थी।
नाराज छात्र-बेरोजगारों ने सरकार, आयोग और जिम्मेदार तंत्र को एम-सील (M-Seal) का पैकेट भेजकर लीक तंत्र पर सील लगाने की मांग की।
आमरण अनशन पर बैठे उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के उपाध्यक्ष भूपेंद्र कोरंगा का कहना था कि जब सरकार और आयोग “लीकेज” रोकने में नाकाम हैं, तो क्यों न उन्हें एम-सील भेजकर यह याद दिला दिया जाए कि लीक बंद करना कैसे होता है।
उत्तराखंड युवा एकता मंच के संयोजक पीयूष जोशी ने तंज कसते हुए कहा, “जब आयोग के कमरे, फाइलें और सवालपत्र हर बार लीक हो जाते हैं, तो हमें लगा अब एम-सील ही आखिरी उपाय है। सरकार चाहे तो इसे तिजोरी, परीक्षा हॉल और यहां तक कि अपने वादों पर भी चिपका सकती है।”
कार्यक्रम की शुरुआत में हनुमान चालीसा का पाठ कर छात्रों ने अपने आंदोलन को शक्ति और आस्था से जोड़ा। राज्य आंदोलनकारी ललित जोशी ने कहा कि जब-जब भर्ती परीक्षाएं होती हैं, तब-तब पेनर लीक होना आम हो गया है। अधिवक्ता भानु कबडाल ने कहा कि सरकार बेरोजगार युवाओं का भविष्य नहीं बचा सकती। छात्रा उपाध्यक्ष ज्योति दानू ने कहा कि यह कोई मजाक नहीं, बल्कि व्यवस्था पर गंभीर व्यंग्य है। एम-सील अब सरकार की नाकामियों का नया प्रतीक बन गई है।
युवा पार्षद शैलेंद्र दानू का कहना था कि यदि सरकार सच में गंभीर है तो वह केवल धरनों पर पुलिस भेजने के बजाय पेपर लीक कराने वाले माफियाओं पर शिकंजा कसे। अन्यथा, युवाओं के पास अब और भी चुटीले लेकिन असरदार तरीके अपनाने के विकल्प खुले हैं।
किसान मंच प्रदेश अध्यक्ष कार्तिक उपाध्याय ने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीक़े से संघर्ष जारी रखेंगे, लेकिन यदि सरकार ने मांगों की अनदेखी की और दमनकारी कदम उठाये तो आंदोलन की तीव्रता बढ़ाने से भी पीछे नहीं हटेंगे
इस दौरान पूर्व विधायक नारायण पाल , युवा नेता विशाल सिंह भोजक,प्रियंका भट्ट,गिरीश चंद्र आर्य, आयुषी बिष्ट,कविता दानू पायल बिष्ट,पूजा बिष्ट, सूरज रावत,नीरज गंगोला,गोकुल मेंलकनी,समेत अनेक युवा नेता मौजूद रहे।