देहरादून । रिस्पना नदी के किनारे वर्ष 2016 के साथ से हुए निर्माण पर सरकार का बुलडोजर अभियान आरंभ हो चुका है। बगैर किसी विरोध के सरकारी बुलडोजर कई निर्माण पर गरजा। आज मंगलवार 28 मई को भी ये अभियान जारी रह सकता है। वहीं, विभिन्न दलों और जनसंगठनों की ओर से आज नगर निगम देहरादून में धरना दिया जाएगा।
उत्तराखंड के देहरादून में 524 घरों पर बुलडोजर अभियान चलाया जा रहा है। नगर निगम और एमडीडीए इसकी तैयारी पहले से ही कर चुका है। रिस्पना नदी किनारे रिवर फ्रंट योजना की तैयारी है। ये भवन नगर निगम की जमीन के साथ ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की जमीन पर हैं। ऐसे में विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ ही सामाजिक संगठनों के देहरादून में आए दिन प्रदर्शन हो रहे हैं।
देहरादून नगर निगम, एसडीडीए और मसूरी नगर पालिका ने 27 बस्तियों में 504 निर्माण को ध्वस्त करने के नोटिस जारी किए थे। इसके बाद सोमवार को मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई। 504 नोटिस में से मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने 403, देहरादून नगर निगम ने 89 और मसूरी नगर पालिक ने 14 नोटिस भेजे थे।
नगर निगम की सीमा में बने मकानों में 15 लोगों ने ही अपने साल 2016 से पहले के निवास के साक्ष्य दिए हैं। 74 लोग कोई साक्ष्य नहीं दिखा पाए हैं। उन सभी 74 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अधिकांश लोगों ने नोटिस के बाद अपने अतिक्रमण खुद ही हटा लिए थे, लेकिन जिन्होंने नहीं हटाए थे। उनको अभियान के तहत आज हटाया जा रहा है।
मलिन बस्तियों पर प्रशासन की तरफ से की जा रही कार्रवाई पर कांग्रेस विरोध दर्ज करा चुकी है। वहीं, वाम दलों के साथ ही कई सामाजिक संगठन भी विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने साल 2016 में मलिन बस्तियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू की थी और उसके बाद से ही वहां रह रहे लोगों को मालिकाना हक देना शुरू किया था। 2017 में भाजपा सरकार आने के बाद ये मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।