चमोली में देर रात फटा बादल, 12 लोग लापता, घर जमीदोंज

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देहरादून। उत्तराखंड में बुधवार रात कुदरत ने फिर से कहर बरपाया। चमोली में भीषण वर्षा के कारण नदी-नालों में आए उफान और मलबे ने दर्जनभर घरों को चपेट में ले लिया। 12 से ज्यादा लोग लापता हैं, दो को बचा लिया गया है। क्षेत्र में संपर्क मार्ग बह गए। सैकड़ों परिवारों पर खतरा मंडरा रहा है।

देहरादून के रायवाला में 200 से ज्यादा परिवार पानी से घिर गए, एसडीआरएफ उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का प्रयास कर रही है। मसूरी जाने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। मार्ग बाधित होने के कारण कोठालगेट से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है।

उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में बुधवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। एक ही रात में तीन गांवों में घर, गौशालाएं, और ज़िंदगियां मलबे में समा गईं। अब तक 12 लोगों के लापता होने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि करीब 30 से अधिक भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं। रेस्क्यू टीमें मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटी हैं।

200 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। घाट तहसील के नंदानगर क्षेत्र में बुधवार देर रात बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। आपदा में अब तक 12 लोगों के लापता होने की सूचना है। इसमें सबसे अधिक प्रभावित ग्राम कुंतरी लगा फाली है, जहां 8 लोग लापता हैं और 15 से 20 भवन व गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। रात तीन बजे के करीब भारी बारिश के बीच लोगों के घरों पर मलबा आ गिरा।दो महिलाओं और एक बच्चे को पुलिस व डीडीआरएफ की टीमों ने मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला। इन घायलों को नंदानगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।

करीब 200 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं, ग्राम कुंतरी लगा सरपाणी में भी दो लोग लापता हैं और दो भवन ध्वस्त हुए हैं। यहां भी रेस्क्यू टीमों ने 100 ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला। ग्राम धुर्मा में मोक्ष नदी उफान पर आ गई, जिससे दो लोग लापता हैं और करीब 10 मकानों को नुकसान पहुंचा है।

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