हल्द्वानी। कारगिल शौर्य दिवस पर शहीदों को याद किया। मुख्य समारोह शहीद पार्क मे आयोजित किया गया। एसएसपी पीएन मीणा, नगर आयुक्त विशाल मिश्रा, अपर जिलाधिकारी पीआर चौहान,सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी, उपजिलाधिकारी पारितोष वर्मा, निवर्तमान मेयर डा. जोगेन्दर पाल सिंह रौतेला,मेजर जनरल सेनि इन्द्रजीत सिंह, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल सेनि रमेश सिह के साथ ही पूर्व सैनिकों व शहीद सैनिकों की वीर नारियों ने शहीद पार्क में आयोजित कार्यक्रम में कारगिल शहीदों के स्तंभ पर पुष्पचक्र अर्पित किए तथा दो मिनट का मौन रखकर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
लाल बहादुर शास्त्री सभागार में विभिन्न स्कूली विद्यालयों द्वारा देशभक्ति से ओत प्रोत गीत, नृत्य व नाट्य की प्रस्तुति दी जिसे देखकर उपस्थित जन भाव विभोर हो गई। वीर सपूतों की शहादत की शौर्य गाथा को सुनकर लोगों की आँखे नम हुई। दरअसल 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठिए आतंकवादी और सैनिक चोरी-छिपे कारगिल की पहाड़ियों में घुस आए थे।
इस घुसपैठ के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन विजय शुरू किया और एक-एक घुसपैठिए को मौत के घाट उतार दिया या भागने पर मजबूर कर दिया. 26 जुलाई 1999 ही वह दिन था, जब भारतीय सेना ने कारगिल की पहाड़ियों को घुसपैठियों के चंगुल से पूरी तरह छुड़ा लिया और ऑपरेशन विजय के पूरी तरह से सफल होने की घोषणा की गई।
शौर्य दिवस कार्यक्रम में शॉल ओढ़ाकर कारगिल शहीद सैनिकों की वीर नारी जयंती देवी पत्नी लांसनायक रामप्रसाद, अनिता भण्डारी पत्नी लां.नायक सेना मेडल, चन्दन सिंह तथा उमा देवी पत्नी सिपाही मोहन सिंह को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी पीआर चौहान ने बताया कि भारतीय इतिहास का यह वो महत्वपूर्ण दिन है जिस दिन हमारे देश के महान वीर सपूतां ने हंसते हंसते मातृभूमि की रक्षा करते हुये अपने प्राणो का बलिदान देकर 26 जुलाई 1999 को कश्मीर के कारगिल जिले मे पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेडा था। भारतीय सेना ने आपरेशन विजय संचालित कर आज से 25 वर्ष पूर्व ये महान उपलब्धि हासिल की थी। कारगिल युद्ध में हमारे लगभग 500 वीर योद्धा शहीद हुये थे। इस पूरे युद्व मे उत्तराखण्ड के 75 जवान शहीद हुये थे।