हल्द्वानी। दीवाली को लेकर चल रहे असमंजस को लेकर हल्द्वानी के ज्योतिषीय ने अपनी राय दी है। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल की ओर से निजी होटल में कराए गए पर्व निर्णय सभा से जुड़े ज्योतिषियों ने संवाद में साफ किया कि एक नवंबर को महालक्ष्मी पूजन का शुभमुहूर्त है। इसकी वजह ज्योतिषियों ने एक नवंबर को सूर्योदय से सूर्यास्त (प्रदोषव्यापिनी) वाली अमावस्या के दिन लक्ष्मीपूजन करना शास्त्रत्त्सम्मत बताया है। महालक्ष्मी पूजन को लेकर 31 अक्तूबर और एक नवंबर पर संशय बना हुआ है।
इसी क्रम में मंगलवार को रामपुर रोड स्थित एक होटल में प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा और जिलाध्यक्ष विपिन गुप्ता ने दीवाली की तिथि को लेकर हो रहे असमंजस को दूर करने के लिए ज्योतिषियों की पत्रकार वार्ता कर संवाद कराया गया।
पर्व निर्णय सभा के अध्यक्ष जगदीश चंद्र भट्ट की अध्यक्षता में कार्यक्रम हुआ। जिसमें सभा से जुड़े विद्धान ज्योतिष डॉ. भुवन चंद्र त्रिपाठी, डॉ. नवीन चंद्र जोशी, डॉ. मंजू जोशी, डॉ. नवीन चंद्र बेलवाल, डॉ. राजेश जोशी, उमेश त्रिपाठी, मनोज उपाध्याय, गोपाल दत्त भट्ट (व्यास) और रामदत्त जोशी (पंचांग निर्माता) ने सर्वसहमति से कहा कि पंचांग के अनुसार एक नवंबर को प्रदोषकाल में अमावस तिथि की व्याप्ति कम समय के लिए है। शास्त्रित्त्क गणना के अनुसार 31 अक्तूबर को दोपहर तक चर्तुदर्शी भी है। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समाप्तिकाल अपराह्न 353 बजे पर है। जिससे एक नवंबर को ही महालक्ष्मी के पूजन का शुभयोग है। ज्योतिषाचार्यों ने एकमत होकर एक नवंबर को दीपावली मनाने का निर्णय लिया।