मालिकाना हक देने के बजाय गरीबों की जमीन से बेदखली की कोशिश कर रही भाजपा सरकार : आनंद सिंह नेगी

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हल्द्वानी । बागजाला में किसान महासभा की संयोजन समिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी ने कहा कि, भाजपा सरकार 2020 से ही खेती-किसानी को पूंजीपतियों के हाथों सौंपने की केन्द्रीय स्तर पर नीतियां बना रही है। लगातार कम और महंगी होती जमीनों पर किस तरह से काॅरपोरेट घरानों, बिल्डर कम्पनियों का कब्जा हो यह नीति लगातार भाजपा सरकार बना रही है। खेती और पशुपालन को भी काॅरपोरेट के हवाले करने की साजिश लगातार चल रही है। इस देश का किसान दशकों से काबिज अपनी जमीनों को बचाने के लिए संघर्षरत है। अखिल भारतीय किसान महासभा पूरे देश में ही खेती-किसानी-जमीन- पशुपालन को बचाने की लड़ाई लड़ रही है। उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार भी लगातार जनविरोधी, किसान विरोधी रूख अपनाते हुए गरीबों को उनकी जमीन पर मालिकाना हक देने के बजाय, बेदखली की कोशिश कर रही है। उनसे जमीन छीनकर विकास के नाम पर बड़ी परियोजनाओं और काॅरपोरेट को सौंपा जा रहा है। जिससे लाखों की आबादी पर आज घर व जमीन छीन जाने का खतरा पैदा हो गया है। भाजपा सरकार की इन जनविरोधी, किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ किसान महासभा जनआंदोलन खड़ा करेगी।

किसान महासभा के बागजाला संयोजक वेदप्रकाश ने कहा कि, बागजाला में कुछ सालों से प्रदेश सरकार के इशारे पर वन विभाग लगातार लोगों को नोटिस दे रहा है। दशकों से काबिज लोगों को मालिकाना हक देने के बजाय भाजपा सरकार बेघर करने की नीतियां बना रही है। अखिल भारतीय किसान महासभा अपना संगठन मजबूत करते हुए अपनी मांगों के लिए आंदोलन खड़ा करेगी।

बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि 29 मार्च को बागजाला में किसान महासभा का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। जिसमें किसान महासभा की बागजाला कमेटी चुनी जाएगी। सम्मेलन में बागजाला समेत गौलापार के सभी गांवों में लोगों को मालिकाना हक देने, आवारा पशुओं से निजात दिलाने, फसलों का उचित दाम दिलाने, स्मार्ट मीटर योजना वापस लेने सहित किसानों के तमाम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

बैठक में आनंद सिंह नेगी, वेद प्रकाश, उर्मिला रैस्वाल, पंकज चौहान, ललित मटियाली, किशन बघरी, हरक बिष्ट, हरीगिरी, दीवान सिंह बर्गली,भगवती गोस्वामी, सरला सिंह, दीपा रावत, चन्दन सिंह मटियाली, सरोज देवी, मीना भट्ट, मुन्ना, पूरन चन्द्र, रेखारानी, दौलत सिंह, कुंवर सिंह रावत, बैजन्ती, चम्पा देवी, हेमा देवी, मिथलेश आदि ग्रामीण मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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