चमोली। संसाधनों की कमी के चलते चमोली जिला अस्पताल में शनिवार को महिला मरीज की जान पर बन आई। रसोली के आपरेशन के लिए भर्ती महिला के पेट में चीरा लगाने के बाद आपरेशन रोक दिया गया। रसोली में खून का ज्यादा संचार देख आपरेशन कर रहे डाक्टर और स्टाफ के हाथ-पांव फूल गए। उन्होंने आपरेशन जारी रखने की स्थिति में मरीज की जान को खतरे की आशंका जताई। इसके बाद हेली सेवा से मरीज को 250 किमी दूर एम्स ऋषिकेश भेजा गया। मरीज के स्वजन ने इलाज के समुचित प्रबंध न होने का आरोप लगाकर अस्पताल परिसर में हंगामा भी किया।
चमोली जिले के जोशीमठ ब्लाक के पोखनी गांव की 41 वर्षीय प्रमिला देवी पेट में दर्द की शिकायत के कारण एक महीने से जिला अस्पताल में इलाज करा रही थीं। सर्जन डा. नीरज पिमोली ने बच्चेदानी में रसोली होने की जानकारी देकर आपरेशन की सलाह दी थी। अस्पताल में भर्ती कराने के बाद हीमोग्लोबीन कम होने के चलते उन्हें 10 यूनिट रक्त भी चढ़ाया गया। तीन दिन पहले आपरेशन के लिए उन्हें दोबारा भर्ती करा दिया गया।
शनिवार की सुबह आपरेशन थियेटर में पेट में चीरा लगाने के बाद चिकित्सक ने मरीज की जान को खतरा बताकर आपरेशन करने से इन्कार कर दिया। इस पर मरीज के स्वजन भड़क गए। श्रीनगर मेडिकल कालेज या एम्स ऋषिकेश रेफर करने की सलाह पर उन्होंने हंगामा कर दिया। इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने जिलाधिकारी से वार्ता कर एम्स तक हेली रेस्क्यू की व्यवस्था की। हंगामा बढ़ने पर सीएमएस के आदेशों पर हेली रेस्क्यू के जरिये आपरेशन कराने वाले सर्जन को भी मरीज के साथ एम्स भेजा गया।
सर्जन नीरज पिमोली ने कहा कि आपरेशन के दौरान रसोली में खून का ज्यादा संचार पाया गया था, जबकि खून की कमी के चलते मरीज का एक महीने से इलाज चल रहा था। ऐसे में आपरेशन रोकना मरीज हित में था। मरीज को ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराने के बाद चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। अब स्थिति सामान्य है। वह वार्ड में भर्ती हैं। इधर, पोखनी के प्रधान संदीप भंडारी ने बताया कि एम्स के चिकित्सकों ने कहा कि पहले वे जांच करेंगे फिर ये बताएंगे कि आगे किस प्रकार का इलाज किया जाना है।