नैनीताल। बहन की हत्या में निचली अदालत से दो सगे भाइयों को मिली फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया है। मृतका के ममेरे भाई को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने मृतका के दो सगे भाइयों कुलदीप, अरुण और ममेरे भाई राहुल को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। अपने आदेश की पुष्टि के लिए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने इसे हाईकोर्ट में भेजा था।
यह था मामला ?
खानपुर (हरिद्वार) थाना क्षेत्र के शाहपुर निवासी प्रीति ने वर्ष 2014 में धर्मूपुर गांव निवासी ब्रजमोहन के साथ प्रेम विवाह किया था। परिजन इस शादी के खिलाफ थे। 18 मई 2018 को प्रीति खानपुर थाना क्षेत्र के अब्दीपुर गांव में अपने मामा संतरपाल के घर आई थी जहां धारदार हथियार से गला रेतकर उसकी हत्या कर दी गई थी। उसके पति ब्रजमोहन ने उसके सगे भाइयों कुलदीप और अरुण के अलावा ममेरे भाई राहुल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।