गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब में फहराए गए निशान साहिब, 25 मई को खोले जाने हैं हेमकुंड साहिब के कपाट

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चमोली। हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के लिए यात्रा तैयारियां जोरों पर हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को गुरुद्वारा साहिब में निशान साहिब फहराए गए। इसके साथ ही हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर को फूलों से सजाने का कार्य भी शुरू हो गया है। चमोली जिले में समुद्रतल से 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित दोनों धाम के कपाट 25 मई को खोले जाने हैं। इससे पहले 24 मई को पंज प्यारों की अगुआई में श्रद्धालुओं का जत्था हेमकुंड के लिए रवाना हो जाएगा।

निशान साहिब फहराने के साथ ही श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट की 43 सदस्यीय टीम हेमकुंड पहुंच गई है। टीम में तीन ग्रंथी, 15 लंगरी और 25 सेवादार शामिल हैं। कपाटोद्घाटन को यादगार बनाने के लिए हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर को पांच क्विंटल गेंदा, गुलाब व अन्य प्रजाति के फूलों के साथ 15 क्विंटल कृत्रिम फूलों से सजाया जा रहा है। सेना की टीम ने लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के परिक्रमा स्थल से बर्फ हटा दी है और दोनों धाम तक आवाजाही के लिए सीढ़ीदार व खच्चर मार्ग को भी सुचारु कर दिया है।

वहीं अटलाकोटी हिमखंड से आवाजाही के लिए दो अलग-अलग मार्ग निकाले गए हैं। हिमखंड के खतरे को देखते हुए यहां एनडीआरएफ के पांच जवान भी तैनात रहेंगे, जबकि पांच जवान हेमकुंड साहिब में तैनात किए जा रहे हैं। एसडीआरएफ के जवान इस बार स्थायी रूप से हेमकुंड में रहेंगे।
सुबह 11 बजे तक ही जा सकेंगे हेमकुंड

हेमकुंड यात्रा मार्ग पर गोविंदघाट से घांघरिया और घांघरिया से गोविंदघाट के लिए दोपहर दो बजे तक ही श्रद्धालुओं की आवाजाही होगी। जबकि, घांघरिया से सुबह 11 बजे तक ही श्रद्धालु हेमकुंड साहिब जा सकेंगे।

हेमकुंड साहिब में अभी भी आठ फीट बर्फ

श्रद्धालु इस बार हेमकुंड साहिब तक दो किमी के क्षेत्र में बर्फ के बीच से आवाजाही करेंगे। हेमकुंड साहिब समेत आसपास के क्षेत्र में अभी आठ फीट बर्फ है और हेमकुंड सरोवर भी बर्फ से ढका हुआ है। सरोवर के एक हिस्से से बर्फ को हटाकर स्नान घाट बनाया गया है।

घांघरिया तक हेली सेवा

हेमकुंड साहिब के लिए गोविंदघाट से घांघरिया तक हेली सेवा भी उपलब्ध है। अब तक यहां हेली सेवा देती आ रही रही डेक्कन चार्टर्स कंपनी ने इस बार हाथ खींच लिए हैं। अब उसकी जगह पवनहंस कंपनी सेवा देने के लिए आगे आई है। हालांकि, अभी हेली सेवा शुरू होने की तिथि घोषित नहीं हुई है।

यमुनोत्री में पैदल मार्ग पर सुधरी व्यवस्थाएं

उत्तरकाशी स्थित यमुनोत्री धाम में पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़ा-खच्चर व पालकी की संख्या निश्चित करने से व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है। अब निश्चित समय अंतराल में 800 घोड़े-खच्चर और 300 पालकी भेजी जा रही हैं।

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