
हल्द्वानी । बागजाला गांव में आठ सूत्रीय मांगों पर अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन दसवें दिन भी जारी रहा। बागजाला गांव में जन आंदोलन के दस दिन के बाद भी जनता की मांगों के प्रति जिला प्रशासन और वन विभाग की बागजाला की जनता के प्रति उपेक्षा पर जनता में भारी रोष है। राज्य सरकार, जिला प्रशासन और वन विभाग की इस उपेक्षा के खिलाफ जन संघर्ष को और तेज करने का संकल्प लिया गया।
दसवें दिन के धरने को संबोधित करते हुए डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, भाजपा सरकार जिस तरह की गरीब उजाड़ो- बुलडोजर चलाओ नीति वाली जनविरोधी सरकार है उसके खिलाफ लड़ाई भी उसी स्तर पर मजबूती से लड़नी जरूरी है। इसलिए जिस एकता और संगठन का परिचय अभी तक बागजाला गांव के लोगों ने दिया है उसको और भी ऊंचे स्तर तक ले जाने की जरूरत है। मालिकाना अधिकार पाने की लड़ाई लंबी लड़ाई है जिसे दृढ़ता से लड़ने की जरूरत है।
आज के धरने में मुख्य रूप से विमला देवी, वेद प्रकाश, हेमा देवी, प्रेम सिंह नयाल, दीवान सिंह बर्गली, परवेज अंसारी, किरन प्रजापति, मीना भट्ट, डा कैलाश पाण्डेय, किशन बघरी, गोपाल सिंह बिष्ट, चन्दन सिंह मटियाली, सुलेमान मलिक, मो यासीन, जहूर अहमद, दौलत सिंह, सोहन लाल, दीवान राम, भोला सिंह, रियासत, धरम सिंह, अंबा दत्त पांडे, कमल, हीरा देवी, विक्की नेगी, राजन नाथ, सावित्री, हाशिम, लक्ष्मी, रेशमा, मीना, मधु, दुर्गा देवी, लक्ष्मण राम, तुलसी, उमा, हेमा, पुष्पा, मिथलेश, रेखा रानी, सुनीता प्रजापति, नाजरीन, फरजाना, सलमा, सोनी देवी, रानी, अनीता देवी, इंद्रा देवी, सोबी, भगवती गोस्वामी, दीपिका , शाकिर, शकीला, विशाल, ममता प्रजापति, गुलशन, मन्नू, रियासत अली, तुलसी, देवकी, दुर्गा, मिथलेश, रेखा, नईम, नसीम, ललिता, आदि समेत बड़ी संख्या में बागजाला गांव के ग्रामीण शामिल रहे।