पिथौरागढ़। मोबाइल फोन आज हर किसी की जरूरत बन चुका है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर रूपये के आदान-प्रदान और शॉपिंग तक मोबाइल फोन से हो रही है। ऐसे में अगर हम आपसे कहें कि 5 जी के इस दौर में एक गांव ऐसा भी जहां पहली बार फोन की घंटी बजी है, तो आपको हैरानी होगी।
उत्तराखंड के सीमांत पिथौरागढ़ की। जहां चीन सीमा से सटे माइग्रेशन ग्राम पंचायत नाबी पहली बार फोन की घंटी बजी तो गांव की लोग खुशी से उछल पड़े। एक ओर जहां दुनियां 5 जी के बाद आगे की ओर बढ़ रही है वहीं ग्राम पंचायत नाबी पहली बार फोन बजा।
व्यास घाटी के ग्राम पंचायत नाबी करीब 10,500 फुट में पहली बार फोन की घंटी बजने के बाद वहां के ग्रामीणों ने निचली घाटी में रह रहे अपने परिजनों का हालचाल जाना। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह निजी कंपनी जिओ ने नाबी में संचार सुविधा शुरू कर दी थी। टावर लगने के बाद अब आदि कैलाश यात्री और सीमा सुरक्षा में लगे कार्मिकों को भी लाभ मिलेगा। इस मौके पर ग्राम प्रधान नाबी सनम देवी ने कहा कि आपदाकाल व आपातकाल में वह समय पर प्रशासन को सूचना दे पाएंगे।