रास्ता बंद होने से नहीं मिल पाया इलाज, भोजन माता की मौत

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कर्णप्रयाग। देवाल क्षेत्र में भूस्खलन से लगातार बंद पड़े मार्ग ने एक और जिंदगी छीन ली। जूनियर हाईस्कूल बलाण में कार्यरत 45 वर्षीय भोजन माता सावित्री देवी की इलाज के अभाव में मौत हो गई। बीते 15 दिनों से कुनारबैंड-घेस-हिमनी-बलाण मोटर मार्ग जगह-जगह मलबा आने से बंद पड़ा है, जिससे ग्रामीणों का संपर्क मुख्य सड़क से कट गया है।

हिमानी गांव निवासी बलवंत नेगी के अनुसार शुक्रवार रात करीब 8 बजे सावित्री देवी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिजनों और ग्रामीणों ने तुरंत 108 सेवा को बुलाने का प्रयास किया, लेकिन सड़क बाधित होने से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी। मजबूरी में परिजन उन्हें पैदल ही पांच किलोमीटर दूर देवाल अस्पताल की ओर ले जाने लगे। रास्ते में ही, घेस से आगे जनगोल पहुंचने से पहले, सावित्री देवी ने दम तोड़ दिया।

मृतका कुछ दिन पहले ही मायके हिमानी आई थीं। उनके पति का पहले ही निधन हो चुका था और परिवार में दो बेटे हैं। हिमानी से देवाल ब्लॉक मुख्यालय की दूरी लगभग 35 किलोमीटर है। क्षेत्र में अस्पताल न होने के कारण ग्रामीणों को इलाज के लिए देवाल, कर्णप्रयाग या श्रीनगर जैसे दूरस्थ स्थानों का रुख करना पड़ता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय पर सड़क खुल जाती या स्वास्थ्य सुविधाएं पास में होतीं तो सावित्री देवी की जान बचाई जा सकती थी। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल सड़क खोलने और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की मांग की है।

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