दीक्षांत के “रंगीलो पहाड़” में झलकी उत्तराखंड की संस्कृति, उत्तराखंड की जीवंत संस्कृति, परंपराओं और प्राकृतिक सौंदर्य को समर्पित था कार्यक्रम

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हल्द्वानी। दीक्षांत इंटरनेशनल स्कूल में आज उत्तराखंड स्थापना दिवस की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में वार्षिक उत्सव एवं कला प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया गया। इस वर्ष कार्यक्रम का विषय “रंगीलो पहाड़” रखा गया, जो उत्तराखंड की जीवंत संस्कृति, परंपराओं और प्राकृतिक सौंदर्य को समर्पित था।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. यशोधर मठपाल (प्रसिद्ध पुरातत्वविद्, चित्रकार एवं शैल कला संरक्षणवादी) ने दीप प्रज्ज्वलन कर समारोह का शुभारंभ किया। विद्यालय परिसर उत्तराखंडी लोक रंगों, सजावट और झांकियों से सुसज्जित होकर एक “मिनी उत्तराखंड” के रूप में परिवर्तित हो गया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में विद्यार्थियों ने “उत्तराखंड मेरी मातृभूमि”, “पंच केदार”, “मां गंगा की कथा”, “चिपको आंदोलन”, “कुमाऊं स्तुति” और योगा प्रस्तुति जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य की समृद्ध परंपराओं को मंच पर जीवंत किया। लोकनृत्यों — छोलिया, झोड़ा, तांदी — तथा हरेला, इगास, बसंत पंचमी, बैठी-खड़ी होली जैसे लोक पर्वों की झलक ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कला प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने “रंगीलो पहाड़” विषय पर रचनात्मक मॉडल्स, चित्रकला, एवं वैज्ञानिक परियोजनाओं के माध्यम से कला, विज्ञान और संस्कृति का सुंदर संगम प्रस्तुत किया। वरिष्ठ वर्ग की विशेष प्रदर्शनी ने उत्तराखंड की लोक संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर का मनोहारी चित्रण किया।

प्रधानाचार्य रूपक पांडे ने कहा कि “यह आयोजन विद्यार्थियों की रचनात्मकता और अपने प्रदेश के प्रति प्रेम का प्रतीक है।” प्रबंधक समित टिक्कू ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, सांस्कृतिक चेतना और टीम भावना का विकास करते हैं।

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