
बेरीनाग । राम मंदिर क्षेत्र के प्रसिद्ध बौराणी मेला और लोक सांस्कृतिक महोत्सव शुरू हो गया है। मेले को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हो रहे हैं। परंपरा के अनुसार रात 12 बजे 27 फुट लंबी छिलके की मशाल जलाकर सैम देवता के मंदिर की परिक्रमा की जाएगी।
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बौराणी में आयोजित होने वाला मेले का ब्लाक प्रमुख गंगोलीहाट विनोद प्रसाद ने दीप प्रज्ज्वलित करके मेले का शुभारम्भ किया। और महोत्सव लोक संस्कृति को बढ़ाने के लिए कमेटी के प्रयासों की सराहना की। ततपश्चात विभिन्न विद्यालयों के बच्चोँ व क्षेत्रीय कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर जनता का मन मोह लिया।
बौराणी मेले का मुख्य आकर्षण पुलई चापड़ गांव से लाई जाने वाली चीड़ के छिलके से निर्मित 27 फुट लंबी मशाल होती है। इस मशाल को प्रत्येक मेलार्थी के अवश्य देखने की परंपरा है। माना जाता है कि इसे देखने मात्र से ही सुख-समृद्धि मिलती है। मंदिर की सात परिक्रमा के बाद इसे परिसर में गाड़ दिया जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार सैम मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा को मशाल लाने की सदियों पुरानी परंपरा है। मान्यता है कि अखंड धूनी में देव डांगर नौर्त के माध्यम से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
इस मौके पर महोत्सव कमेटी के राजेंद्र सिंह बोरा ‘शिवजी’ अध्यक्ष, ममता बोरा, पूर्व प्रधान उपाध्यक्ष, सुनीता देवी ग्रा. प्र. चाक उपाध्यक्ष,प्रकाश सिंह उर्फ राजपाल उपाध्यक्ष, चंदन सिंह बोरा, ब्रा.प्र. सुकना उपाध्यक्ष,अनिल कुमार सचिव, सुरेन्द्र सिंह, बीडीसी मेम्बर उपसचिव,सपना बोरा , केसर सिंह, ग्रा.प्र. झलतोला ,पंकज सिंह बोरा , गोकुल सिंह बोरा ,प्रेम सिंह बोरा ,कल्याण सिंह बोरा (सांस्कृतिक संयोजक) अर्चना बोरा (सांस्कृतिक संयोजक) पूजा बोरा,दीवान सिंह बोरा ,महेश राम लोहिया ,दिनेश सिंह बोरा ,प्रकाश सिंह बोरा ,राजेन्द्र सिंह ,आयुश सिंह बोरा,रोहित सिंह ,अंकित कुमार ,आदि कई लोग सामिल रहे कार्यक्रम का संचालन नानू बिष्ट ने किया।









