
पिथौरागढ़। जिले के ग्राम चेसर की निवासी अर्चना महर ने अपनी कृषि कौशल से सभी को चौंका दिया है। उनके घर के आंगन में स्थित लगभग 10 फीट ऊंचा गेंदे का पेड़ न केवल स्थानीय किसानों के लिए प्रेरणा बन चुका है, बल्कि यह जैव विविधता और पारंपरिक खेती का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।
गेंदे का फूल आमतौर पर 1-3 फीट ऊंचा होता है, लेकिन अर्चना ने जैविक खाद, नियमित पानी और प्राकृतिक कीटनाशकों के इस्तेमाल से इस पौधे को 10 फीट तक बढ़ाया है। अर्चना ने कहा, यह पौधा पिछले दो माह से लगातार बढ़ रहा है। स्थानीय कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि पिथौरागढ़ की ठंडी जलवायु और समृद्ध मिट्टी गेंदे जैसे फूलों के लिए आदर्श है।
मुख्य उद्यान अधिकारी अभिनव पंत ने कहा, यह उपलब्धि किसानों को प्रेरित करेगी, और हम ऐसे उदाहरणों को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे। गेंदे के फूलों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधियों, धार्मिक अनुष्ठानों और जैविक कीटनाशकों के रूप में भी होता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिल रहा है।









