आशा कार्यकर्ताओं ने फिर उठाई मासिक वेतन और, धरना देकर किया प्रदर्शन

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हल्द्वानी। राज्य की आशाओं की समस्याओं का तत्काल समुचित समाधान किए जाने के संबंध में राज्य सरकार से मांग करते हुए आशाओं का धरना प्रदर्शन बुद्ध पार्क में आज दूसरे दिन भी जारी रहा।

धरने को संबोधित करते हुए यूनियन महामंत्री डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, “स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशाएं विभाग के सभी अभियानों और सर्वे में लगा दी गई हैं। गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु की सेवा से शुरू करते हुए आज आशा वर्कर्स को सारे काम करने पड़ रहे हैं लेकिन सरकार आशाओं को न्यूनतम वेतन तक देने को तैयार नहीं है।

उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन (ऐक्टू) की ओर से छह सूत्रीय मांग पत्र नायब तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा गपा। मांग की गई कि आशाओं को मासिक मानदेय नियत करने व डी.जी. हेल्थ उत्तराखंड द्वारा आशाओं के मानदेय को लेकर बनाए गए 2021 के प्रस्ताव को लागू करने का मुख्यमंत्री द्वारा खटीमा कैंप कार्यालय में किया गया वादा तत्काल पूरा किया जाय। आशाओं को न्यूनतम वेतन, कर्मचारी का दर्जा व सेवानिवृत्त होने पर सभी आशाओं को अनिवार्य पेंशन दी जाय।


सेवानिवृत्त होने वाली आशाओं को एकमुश्त धनराशि व आजीवन पेंशन का प्रावधान किया जाय। आशाओं को विभिन्न मदों के लिए दिए जाने वाले पैसे कई कई महीनों तक लटकाने के स्थान पर अनिवार्य रूप से हर महीने दिया जाय। आशाओं को ट्रेनिंग व पल्स पोलियो अभियान के दौरान प्रति दिन पांच सौ रुपए का भुगतान किया जाय।

धरना प्रदर्शन करने वालों में यूनियन महामंत्री डा कैलाश पाण्डेय, रीना बाला, सरोज रावत, दीपा आर्य, भगवती बिष्ट , सायमा सिद्दकी, माधवी पांडे, चंपा मंडोला, माला वर्मा, पुष्पा बर्गली, किरन पलड़िया, दीपा उपाध्याय, दिव्या, गीता भंडारी, रेनू घुघतीयाल, भगवती पाण्डे, हेमा शर्मा, हंसी, राधा कार्की, विमला तिवारी, गंगा देवी, पुष्पा जोशी, विमला खत्री, कमला, प्रियंका, अंबिका, माया टंडन, पूनम बोरा, सुनीता मेहरा, गीता, शांति, लीला, राधा, सावित्री, ममता आर्य, सरस्वती, माधवी, आशा, कविता, शकुंतला, मीना, मिथलेश, नीमा, शाइस्ता परवीन, सावित्री, रजनी, मोहिनी बृजवासी, तबस्सुम, सरिता साहू, गीता जोशी समेत बड़ी संख्या में आशाएं शामिल रहीं। समर्थन में सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत साहू भी पहुंचे।

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