बागेश्वर। बागेश्वर के अंग्यारी महादेव शिव धाम के महाराज निर्माण (50) की हत्या कर दी गई है। उनका शव मंदिर से 500 मीटर दूर संदिग्ध हालात में पड़ा मिला। राजस्व पुलिस ने प्रथमदृष्टया महाराज की हत्या किए जाने की आशंका जताते हुए कर्णप्रयाग के एक टैक्सी चालक को हिरासत में लिया है।
एसडीएम जितेंद्र वर्मा ने बताया कि पुलिस को महाराज की हत्या के मामले में कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। महाराज के साथ एक अन्य साधु भी था जो लापता है। राजस्व पुलिस उसकी खोजबीन में जुटी है।
राजस्व पुलिस के अनुसार मजकोट के ग्राम प्रधान मदन मोहन गुसाई और व्यापार संघ गरुड़ के अध्यक्ष महेश ठाकुर ने मंगलवार को अंग्यारी महादेव मंदिर से 500 मीटर दूर महाराज का शव देखने की सूचना एसडीएम गरुड़ और पटवारी पिंगलों को दी।
अंकित कंडारी, नायब तहसीलदार प्राची बहुगुणा, थानाध्यक्ष बैजनाथ प्रताप सिंह नगरकोटी, पटवारी कुंदन प्रसाद दोपहर बाद घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। मौके पर पहुंचकर राजस्व पुलिस ने महाराज का शव बरामद करने के बाद पंचनामा कराया और पोस्टमार्टम कराने के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया।
महाराज के भक्तों ने भी उनकी हत्या की आशंका जताई है। गोमती घाटी और चमोली जिले के देवाल इलाके में दहशत है। भक्तों ने महाराज की हत्या करने वालों को शीघ्र सलाखों के अंदर करने की मांग की है। लोहागढ़ी निवासी और व्यापार संघ गरुड़ के अध्यक्ष महेश ठाकुर ने पुलिस से मामले की गहराई से जांच कराने की मांग की है। मजकोट के ग्राम प्रधान ने बताया कि महाराज के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
अंग्यारी महादेव के महाराज निर्माण की हत्या का समाचार सुनक पंचदशनाम जूना अखाड़ा बागेश्वर और जिलेभर के संत आक्रोशित हैं। संत समाज ने महाराज की हत्या का शीघ्र पर्दाफाश करने के लिए कहा है। मामले का पर्दाफाश नहीं होने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।
मजकोट के ग्राम प्रधान मदन गिरि गुसाई और लोहागढ़ी निवासी महेश ठाकुर के अनुसार अंग्यारी महादेव के महाराज निर्माण 23 नवंबर को बदरीनाथ धाम से अपने सहयोगी साधु अर्जुन दास के साथ एक टैक्सी में सवार होकर अंग्यारी महादेव मंदिर के लिए निकले थे। उसी दिन शाम के पांच बजे महाराज माईथान में अभिषेक पुंडीर की दुकान में अपने सहयोगी संत अर्जुन दास और टैक्सी चालक के साथ बैठे।
25 नवंबर तक उनके अंग्यारी महादेव मंदिर नहीं पहुंचने पर उनके भक्तों को उनकी चिंता सताने लग गई। 26 नवंबर को उनका कमंडल और कुछ सामान मजकोट के ग्रामीणों ने जंगल में देखा जिससे ग्रामीणों की चिंता और बढ़ गई। ग्रामीणों ने उनका शव मंगलवार को मंदिर से कुछ ही दूर देखा। मजकोट के ग्रामीणों का कहना है कि महाराज के साथ जो साधु अर्जुन दास बदरीनाथ से आया था वह भी मंदिर नहीं पहुंचा। मजकोट के ग्रामीणों का कहना है कि साधु अर्जुन दास भी लापता है।
पंच दस नाम जूना अखाड़ा बागेश्वर, पिंगलेश्वर, कार्तिकेश्वर, कपिलेश्वर, कंठेश्वर, प्रकटेश्वर, दिव्येश्वर मंदिर, चक्रवृतेश्वर शिव धाम के साधुओं ने अंग्यारी महादेव के महाराज की हत्या का शीघ्र पर्दाफाश कर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। विधायक पार्वती दास, दर्जा मंत्री शिव सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण, ब्लॉक प्रमुख हेमा बिष्ट ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।