मुनस्यारी के अमितेज पांगती को मिला आईएएस कैडर, सीमांत को 33 साल बाद मिला आईएएस अफसर

खबर शेयर करें -

पिथौरागढ़। मुनस्यारी के दरकोट निवासी अमितेज पांगती को सिविल सर्विस परीक्षा में आईएएस का कैडर मिला है। 32 वर्षो के लंबे अंतराल के बाद मुनस्यारी ब्लॉक से आईएएस अफसर बनने वाले युवा है। सामुदायिक पुस्तकालय अमितेज का नागरिक अभिनंदन करेगा। स्थानीय युवाओं के साथ उनका संवाद भी कराया जाएगा। अभितेज ने सिविल सर्विस की परीक्षा पास की थी। अमितेज का परिवार वर्तमान में लखनऊ में रहता है।
उनके पिताजी तेज बहादुर सिंह पांगती भारतीय सेना से कर्नल पद से सेवानिवृत्त हुए है। अमितेज का मूल गांव दरकोट है।

इससे पूर्व अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में अनारक्षित वर्ग से आईपीएस. कैडर प्राप्त किया था और आईएफएस. कैडर में देश की भारतीय वन सेवा में रेकिग में देश में 17 वां स्थान प्राप्त किया। अमितेज जोहार के प्रतिष्ठित व शिक्षित परिवार के भगत सिंह पांगती के पौत्र है। इनके दादा को जोहार में सेठ जी के नाम से जाना जाता था।

इनके जमाने में सेठ जी का कार्य काल गरिमामय रहा है।
इस बार अमितेज को आईएएस का कैडर मिला है। अमितेज 24 वें बैच के आईएएस अफसर बनेंगे। मुनस्यारी के तेजम निवासी शमशेर सिंह रावत ने 1992 में सिविल सर्विस परीक्षा पास कर आईएएस कैडर हासिल किया था। 33 वर्षो के बाद सीमांत की झोली में आईएएस पद आया है।

इस सफलता की खबर आते ही सीमांत में खुशी का माहौल है। सामुदायिक पुस्तकालय के संस्थापक सदस्य जगत सिंह मर्तोलिया ने कहा कि अमितेज की इस सफलता से सीमांत गदगद है। कहा कि अमितेज को मुनस्यारी आंमत्रित किया गया है। यहा उनका स्वागत तथा अभिनंदन होगा।

नगर पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र सिंह पांगती, जोहार क्लब के अध्यक्ष केदार सिंह मर्तोलिया, मल्ला जोहर विकास समिति के अध्यक्ष श्रीराम सिंह धर्मसक्तू, बांसबगड पुस्तकालय के अध्यक्ष तथा नवनिर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्य देवेस, पूर्व प्रमुख कुंदन सिंह बथियाल, पूर्व प्रधान दीपक जोशी, दरकोट के ग्राम प्रधान मनोहर सिंह पांगती ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर किया।

सम्बंधित खबरें