त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा अपडेट, मई के आखिर में जारी हो सकती है अधिसूचना

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देहरादून । उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर फिलहाल सरकार असमंजस की स्थिति में है। एक तरफ पंचायतीराज एक्ट का संशोधन नहीं हो पाया है, तो दूसरी तरफ ओबीसी आरक्षण का भी निर्धारण सरकार नहीं कर पाई है। हालांकि, इस सबके बावजूद सरकार की निगाह राजभवन पर है। जहां पंचायतीराज एक्ट में संशोधन अध्यादेश लटका हुआ है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि राजभवन से अध्यादेश को हरी झंडी मिलते ही इसी माह के अंत तक चुनाव अधिसूचना जारी हो सकती है।

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतें फिलहाल प्रशासकों के भरोसे चल रही हैं। हालांकि, राज्य सरकार ने ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों को ही प्रशासक के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी हुई हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल नवंबर, दिसंबर महीने में ही पूरा हो चुका था। ऐसे चुनाव प्रक्रिया पूरी न होने के कारण सरकार के लिए पंचायतो में प्रशंसकों को बैठना मजबूरी बन गया था।

हालांकि, राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त सुशील कुमार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पूरी तरह से आयोग के तैयार होने की बात कहते दिखाई देते हैं। ऐसे में गेंद सरकार के पाले में है कि सरकार कब तक चुनाव को लेकर जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करवा पाती है।

राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण किया जा चुका है। अब ओबीसी आरक्षण का निर्धारण होना ही बाकी रह गया है

तकनीकी रूप से पेंच पंचायती राज एक्ट के संशोधन पर फंसा है। जिसके बाद ही आरक्षण के निर्धारण पर फैसला हो पाएगा. उधर संशोधन से जुड़ा अध्यादेश फिलहाल राजभवन में विचाराधीन है।

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