
मुम्बई । बालीवुड से राजनीति में कदम रखने वाली अभिनेत्री और मौजूदा सांसद कंगना रनौत ने अपने संसदीय सफर के एक साल पूरे होने पर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। टाइम्स नाउ को दिए एक इंटरव्यू में कंगना ने माना कि उन्हें शुरुआत में सांसद की भूमिका अपेक्षाकृत आसान लग रही थी, लेकिन वास्तविकता इसके बिल्कुल उलट निकली।
कंगना ने कहा, “जब मुझे सांसद बनने का प्रस्ताव मिला, तो बताया गया कि साल में केवल 60-70 दिन संसद में रहना होगा और बाकी समय मैं अपनी अन्य गतिविधियाँ कर सकती हूँ। यह मुझे ठीक लगा। लेकिन अब समझ में आया है कि यह एक बहुत ही मांग वाली और चुनौतीपूर्ण भूमिका है।”
सांसद बनने के बाद कंगना की केवल एक ही फिल्म *‘इमरजेंसी’* रिलीज़ हुई है, जिसकी शूटिंग सांसद बनने से पहले ही पूरी हो चुकी थी। इसके अलावा उन्होंने किसी नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं किया है, हालांकि वे जल्द ही अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म में अभिनय करने की योजना बना रही हैं।
अपने निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश के मंडी की बात करते हुए कंगना ने कहा कि वहां के लोग अक्सर उनसे ऐसी समस्याओं के समाधान की उम्मीद करते हैं, जिन पर उनका प्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं होता। उन्होंने कहा, *”मैं लोगों को मना नहीं कर पाती। वे जब भी कोई समस्या लेकर आते हैं, मैं कह देती हूँ कि मैं हल निकालूंगी, भले ही वह मेरे अधिकार क्षेत्र में न हो।”*
कंगना के इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है। हिमाचल प्रदेश के मंत्री जगत सिंह नेगी ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, *”अगर कंगना रनौत अपने दायित्वों से संतुष्ट नहीं हैं, तो उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। जनता ने उन्हें उम्मीदों के साथ चुना है, न कि केवल बयान देने के लिए।”*