धराली में मलबे में दबी ज़िंदगी, 200 लोग फंसे, बचाव की जंग जारी

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उत्तरकाशी। धराली क्षेत्र में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के बाद हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। धराजी और आसपास के इलाकों में भारी तबाही मची है। धराली के बीच गांव में करीब 200 लोग मलबे के बीच फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए आईटीबीपी और सेना के जवान युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं।

जवान करीब 25 फीट ऊंचे मलबे को हटाकर रास्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं और एक अस्थायी पुलिया तैयार की जा रही है, जिससे फंसे लोगों तक पहुंचा जा सके।

अब तक इस आपदा में 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। धराली में 32 वर्षीय युवक का शव मलबे से बरामद हुआ है। इसके अलावा 50 से अधिक लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

हर्षिल और सुखी टॉप क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। हर्षिल में सेना के 11 जवान लापता हैं, जबकि सुखी टॉप में फिलहाल किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है।

भटवाड़ी क्षेत्र में उत्तरकाशी-हर्षिल मार्ग पूरी तरह बह चुका है, जिससे गंगोत्री हाईवे पर रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आ रही है। साथ ही ऋषिकेश-उत्तरकाशी हाईवे पर यातायात बेहद धीमा हो गया है, और कई जगहों पर सड़कों पर मलबा जमा है, जिससे राहत टीमें घटनास्थल तक समय पर नहीं पहुंच पा रहीं।

एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसिन शाहेदी ने बताया कि राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि भारतीय सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, “कल 130 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है, और तलाशी अभियान लगातार चल रहा है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि देहरादून स्थित आपदा प्रबंधन केंद्र 24 घंटे सक्रिय है और हरसंभव सहायता पहुंचाई जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया और बताया कि पीएम लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और हर संभव मदद का आश्वासन दे चुके हैं।

इस बीच, हर्षिल में अतिरिक्त सेना की टीमें, खोजी कुत्ते, ड्रोन और खुदाई मशीनें भेजी गई हैं, ताकि बचाव कार्यों को और गति दी जा सके।

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