देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ की कुमाऊं परिक्षेत्र साइबर थाना पुलिस ने भारतवर्ष में प्रचलित डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी के एक मामले में मुख्य आरोपी को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पीड़ित से 45 लाख 40 हजार रुपये की ठगी की थी।
जुलाई 2024 में काशीपुर निवासी एक व्यक्ति से अज्ञात व्यक्ति ने ट्राई डिपार्टमेंट का अधिकारी बनकर संपर्क किया और बताया कि उसके खिलाफ 17 केस दर्ज हैं। आरोपी ने पीड़ित को वीडियो कॉल पर लिया और पुलिस अधिकारी बनकर उसे डराया धमकाया। पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट दिखाकर उसके बैंक खाते से 45 लाख 40 हजार रुपये निकालवा लिए।
पुलिस की कार्रवाई:
पीड़ित की शिकायत पर एसटीएफ की टीम ने मामले की जांच शुरू की। तकनीकी जांच के आधार पर पुलिस ने आरोपी पंकज कुमार को लखनऊ से गिरफ्तार किया। आरोपी के पास से घटना में इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन, सिम कार्ड और चेक बुक बरामद हुआ।
आरोपी का तरीका:
आरोपी लोगों को डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर डराता था और उनसे पैसे ऐंठता था। वह खुद को पुलिस अधिकारी बताकर पीड़ितों को विश्वास में ले लेता था और फिर उनसे पैसे निकलवा लेता था।
पुलिस की अपील:
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने लोगों से अपील की है कि वे डिजिटल अरेस्ट जैसे धोखेबाजों से सावधान रहें। अगर किसी को इस तरह का कोई कॉल या मैसेज आए तो वह तुरंत पुलिस में शिकायत करें।